हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, निम्नलिखित रिवायत "बिहार उल अनवार" किताब से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال رسول اللہ صلی الله علیه وآله:
«ثَلاثٌ لَوْ يَعْلَمُ أُمَّتِي ما فِيها مِنَ الثَّوابِ لَتَدافَعُوا عَلَيْها بِالسِّهامِ: الأذانُ، وَ التَّبْكِيرُ إِلَى الجُمُعَةِ، وَ الصَّفُّ الأَوَّلُ فِي الجُمُعَةِ وَ الجَماعَةِ.»
रसूल अल्लाह (सल्लल्लाहो अलैहे वा आलेहि वसल्लम) ने फ़रमाया:
तीन ऐसे काम हैं, जिनके बारे में अगर मेरी कौम को पता होता कि उनमें क्या सवाब है, तो वे उन्हें पाने के लिए हुजूम और क़ुरआ अंदाजी करते:
- अज़ान देना
- जुमे की नमाज़ के लिए जल्दी निकलना
- जुमे की नमाज़ और जमात में पहली सफ़ में खड़ा होना।
बिहार उल-अनवार, भाग 84, पेज 156
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